ईसाई धर्म की शुरुआत कैसे हुई

प्रश्न

का इतिहास ईसाई धर्म और ईसाई गिरजाघर से शुरू हुआ यीशु और उसका प्रेरितों. ईसाई धर्म वह धर्म है जो जन्म पर आधारित है, जिंदगी, मौत, जी उठने और यीशु मसीह की शिक्षा.

ईसाई धर्म यीशु की मृत्यु के बाद पहली शताब्दी ईस्वी में शुरू हुआ यहूदी संप्रदाय में यहूदिया लेकिन तेजी से पूरे क्षेत्र में फैल गया रोमन साम्राज्य. जल्दी होने के बावजूद ईसाइयों का उत्पीड़न, यह बाद में बन गया राज्य धर्म. में मध्य युग में फैल गया उत्तरी यूरोप और रूस. दौरान अन्वेषण का युग, ईसाई धर्म विस्तार दुनिया भर में; यह वर्तमान में दुनिया का सबसे बड़ा धर्म है.

धर्म था विभाजनों तथा उलेमाओं विवाद जिसके परिणामस्वरूप चार मुख्य शाखाएँ थीं: NS रोमन कैथोलिक गिरजाघर, NS पूर्वी रूढ़िवादी चर्च, ओरिएंटल रूढ़िवादी तथा प्रोटेस्टेंट चर्च.

अधिकांश प्रथम ईसाई थे जातीय यहूदी या यहूदी यहूदी धर्म अपनानेवाले. प्रारंभिक कठिनाई गैर-यहूदी धर्मांतरितों से आई. सवाल यह था कि क्या उन्हें ऐसा करना ही था “यहूदी बनो” ईसाई बनने से पहले. का निर्णय अनुसूचित जनजाति. पीटर, क्या ऐसा था कि उन्होंने ऐसा नहीं किया, और मामले को आगे संबोधित किया गया यरूशलेम की परिषद.

प्रेरितों के सिद्धांतों ने प्रारंभिक चर्च को कुछ यहूदी धार्मिक अधिकारियों के साथ संघर्ष में ला दिया, और अंततः इसका परिणाम यह हुआ शहादत एसएस का. स्टीफन तथा जेम्स महान और से निष्कासन सभाओं. इस प्रकार, ईसाई धर्म को यहूदी धर्म से अलग पहचान मिली. नाम “ईसाई” (यूनानी ईसाई) के लिए सबसे पहले प्रयोग किया गया था चेल में अन्ताकिया, जैसा कि दर्ज किया गया है (अधिनियमों 11:26; अधिनियमों 11:26)

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